आंवला भारतीय मूल का एक अति लाभकारी स्वास्थ्यवर्धक फल है। इसे अपने अद्वितीय औषधीय एवं पोषक गुणों के कारण ‘अमृत फल’ भी कहा जाता है। आंवला के फलों मे विटामिन ‘सी’ व पालीफिनाल प्रचुर मात्रा मे पाया जाता हैं। इसके अतिरिक्त इसमे कार्बोहाइड्रेट, रेशा, लोहा, कैलशियम, फास्फोरस व अन्य विटामिन भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं इसलिये आंवले के नियमित सेवन से मधुमेह, पाचन संबंधी, नेत्र, हृदय संबंधी व रक्त विकार को संतुलित करने में सहायता मिलती है।
अम्लीय एवं कसैले स्वाद के कारण फल तुरन्त उपयोग हेतु अधिक उपयुक्त नही होते हैं अतः इनके गुणों को संरक्षित करने हेतु बहुत से उपयोगी व स्वादिष्ट उत्पाद बनाये जाते हैं। व्यवसायिक स्तर पर आंवले से सुपारी, मुरब्बा, रसीले फांकें, सूखी मीठी फांकें, रस, लड्डू , बर्फी, पाउडर, चूरन व च्यवनप्राश आदि बनाये जाते हैं।
आंवले की अनेक व्यवसायिक किस्मे जैसे चकैया, कृष्णा, एन ए-6, एन ए-7, एन ए-10, कंचन व लक्ष्मी-52 उपलब्ध हैं, जिन्हें उत्पाद के अनुसार चयनित किया जाता है।
अम्लीय एवं कसैले स्वाद के कारण फल तुरन्त उपयोग हेतु अधिक उपयुक्त नही होते हैं अतः इनके गुणों को संरक्षित करने हेतु बहुत से उपयोगी व स्वादिष्ट उत्पाद बनाये जाते हैं। व्यवसायिक स्तर पर आंवले से सुपारी, मुरब्बा, रसीले फांकें, सूखी मीठी फांकें, रस, लड्डू , बर्फी, पाउडर, चूरन व च्यवनप्राश आदि बनाये जाते हैं।
आंवले की अनेक व्यवसायिक किस्मे जैसे चकैया, कृष्णा, एन ए-6, एन ए-7, एन ए-10, कंचन व लक्ष्मी-52 उपलब्ध हैं, जिन्हें उत्पाद के अनुसार चयनित किया जाता है।
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