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Anmol Sewa Ratan

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About Anmol Sewa Ratan

भारतीय वैदिक सांस्कृतिक मर्यादाओं के अनुरूप प्रभु के आराधन में संकीर्तन का सर्वोपरि स्थान स्वीकारा गया है | कलि काल में कृष्ण प्रेम अनुरागी सूरदास, कृष्ण दीवानी मीराबाई, भक्त नरसी मेहता, संत कबीर जैसे अनन्य भक्तों की समर्पित भक्ति भावना का अनुसरण मानव जीवन को समग्र रूप से सार्थक बनता है |

इन्हीं भावनाओं की पृष्ठभूमि से प्रेरित जनवरी, 2010 की शुक्ल पक्ष एकादशी से खाटू धाम की पावन भूमि के साथ गुप्त नवरात्र बुधवार, जुलाई 2014 से गोविन्द की धरा जयपुर में भजन-संकीर्तन की अमृत गंगा अनवरत प्रवाहित हो रही है | प्रभु के भजन-संकीर्तन प्रत्येक शनिवार सांय 3 घंटे के लिए निरंतर आयोजित किये जा रहे है.

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