मंगलवार के दिन श्री हनुमान जी की पूजा-अर्चना होती है. इस दिन सुंदकांड का पाठ करना बेहद ही शुभ माना गया है. सुंदरकांड में हनुमानजी द्वारा किए गए महान कार्यों का वर्णन किया गया है. अखंड रामायण पाठ में सुंदरकांड के पाठ का विशेष महत्व होता है. अखंड रामाणय का पाठ खत्म करने पर सुंदरकांड का पाठ अलग से किया जाता है. सुंदरकांड में हनुमान का राम से पहली बार मिलना, लंका प्रस्थान करना, लंका दहन से लंका को फतह करके वापस लौटना जैसे घटनाक्रम सुंदरकांड में दर्ज हैं. संपूर्ण रामायण कथा श्रीराम के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती है, जबकि सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है, जो सिर्फ हनुमानजी की शक्ति और विजय का अध्याय है.
सुंदरकांड पढ़ने के कई लाभ मिलते हैं. हनुमानजी चिरंजीवी है. यानी वो अभी भी पृथ्वी पर वास कर रहे हैं. कहा जाता है कि सुंदरकांड का पाठ कहीं भी होता है तो भगवान हनुमान इसे सुनने आते हैं. वो किसी ना किसी रूप में सुंदरकांड सुनने के लिए वहां पहुंच जाते हैं.
सुंदरकांड जहां होता है श्री हनुमान पधारते हैं
सुंदरकांड का पाठ मंगलवार या शनिवार को किया जाता है. कई लोगों ने अनुभव किया है कि जब वो सुंदरकांड का पाठ कर रहे होते हैं तो हनुमान जी वहां होते हैं. सुंदरकांड का पाठ अकेले या फिर ग्रुप में कर सकते हैं.
सुंदरकांड का नियमित पाठ जीवन की समस्त बाधाओं का नाश करता है. इससे धन, संपत्ति, सुख, वैभव, मान-सम्मान आदि प्राप्त होता है.
सुंदरकांड पढ़ने के कई लाभ मिलते हैं. हनुमानजी चिरंजीवी है. यानी वो अभी भी पृथ्वी पर वास कर रहे हैं. कहा जाता है कि सुंदरकांड का पाठ कहीं भी होता है तो भगवान हनुमान इसे सुनने आते हैं. वो किसी ना किसी रूप में सुंदरकांड सुनने के लिए वहां पहुंच जाते हैं.
सुंदरकांड जहां होता है श्री हनुमान पधारते हैं
सुंदरकांड का पाठ मंगलवार या शनिवार को किया जाता है. कई लोगों ने अनुभव किया है कि जब वो सुंदरकांड का पाठ कर रहे होते हैं तो हनुमान जी वहां होते हैं. सुंदरकांड का पाठ अकेले या फिर ग्रुप में कर सकते हैं.
सुंदरकांड का नियमित पाठ जीवन की समस्त बाधाओं का नाश करता है. इससे धन, संपत्ति, सुख, वैभव, मान-सम्मान आदि प्राप्त होता है.
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