Bhartendu Harishchandra app is भारतेन्दु हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। जिस समय भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का अविर्भाव हुआ, देश ग़ुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। शासन तंत्र से सम्बन्धित सम्पूर्ण कार्य अंग्रेज़ी में ही होता था। ब्रिटिश आधिपत्य में लोग अंग्रेज़ी पढ़ना और समझना गौरव की बात समझते थे। हिन्दी के प्रति लोगों में आकर्षण कम था, क्योंकि अंग्रेज़ी की नीति से हमारे साहित्य पर बुरा असर पड़ रहा था। हमारी संस्कृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। ऐसे वातावरण में जब बाबू हरिश्चन्द्र अवतारित हुए तो उन्होंने सर्वप्रथम समाज और देश की दशा पर विचार किया और फिर अपनी लेखनी के माध्यम से विदेशी हुकूमत का पर्दाफ़ाश किया।
- भारतेन्दु हरिश्चंद्र के नाटक -
- नीलदेवी -
- सबै जात गोपाल की
- अंधेर नगरी चौपट्ट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा
- कर्पूर मंजरी - सट्टक
- ज्ञाति विवेकिनी सभा
- धनंजय - विजय व्यायोग
- प्रेमजोगिनी
- पांचवें (मूसा) पैगम्बर
- बन्दर सभा
- बसंत पूजा
- भारतदुर्दशा
- मुद्रा राक्षस
-रणधीर प्रेममोहिनी की
- वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति
- विद्यावती
- विषस्यविषमौषधम्
- श्री रामलीला
- श्रीचंद्रावली नाटिका
- संडभंडयोः संवादः
- सत्य हरिश्चन्द्र
- सती प्रताप
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